कहाँ है तू
कहाँ है तू
इक धुन्दला सा चेहरा है तू
आँखों में सपने लिए
उसको पूरा करने का ख्वाब है तू
जब भी में आँखें बंद करता हूँ
बस तुघे ही अपने पास पाटा हूँ
पर नहीं दिखती तुम्हारी सूरत मुघे
इतने पास रहके भी क्यों इतनी दूर है तू
मेरे दिल के करीब रहके
क्यों जिंदगी का पास नहीं है तू
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